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चुनाव से पहले का खेल

चुनाव से पहले का खेल: भारत में 2019 के आम चुनाव का बिगुल बज चूका है और पुरे देश में चुनाव का माहौल बना हुआ है,ऐसा लग रहा है के भारत का हर एक सिस्टम चुनाव में लग गया है, यहाँ तक के फेसबुक, ट्विटर तक भी चुनाव के रंग में रंग गए हैं,भारत में जनता को लुभाने के लिए क्या क्या नहीं किया जाता है, भारत की जनता भी बहुत भोली है लालच देने पर बहुत जल्दी झांसे में आ जाती है, जरा सा लालच दे दो बहुत आसानी से वोट मिल जाता है,अगर मेरी बात बुरी लग रही है तो आप यह बताओ के वादे वोट से पहले ही क्यों किये जाते हैं?
हमेशा चुनाव की तैयारी चुनाव के एक साल पहले से ही शुरू हो जाती है, 2019 अप्रैल -मई में भारत में आम चुनाव होने वाला है जो अलग अलग जगहों पर अलग अलग चरण में होगा,भारत में चुनाव की तैयारी जनता के हित में किये हुए काम की व्याख्या कर के नहीं की जाती है,विकास और रोजगार पर बात नहीं किया जाता है,भारत में चुनाव की तैयारी है हिन्दू-मुस्लिम, जो इसकी तैयारी अच्छी तरह से कर लिया समझो चुनाव जीत गया,अब हम आगे देखते है की इसकी तैयारी कैसे होती है!
2019 ke election se pahle ka khel
2019 ka aam chunav

भारत में चुनाव से पहले चुनाव की तैयारी


भारत में चुनाव से पहले राजनितिक पार्टियां कुछ ऐसा काम करवाती हैं की देश की जनता की सहानुभूति मिल सके जैसे कश्मीर में पुलवामा आतंकी हमला, ये चुनाव की तैयारी थी लेकिन आज कल इलेक्ट्रॉनिक मीडिया इतनी तेज़ है कि कुछ हजम नहीं किया जा सकता है, जब खेल उल्टा गले में पड़ने लगा तो पाकिस्तान के जंगल में हमला कर के कुछ पेड़ पौदे को शहीद किया गया, और इस काम को पूरा करने के लिए पाकिस्तान का साथ माँगा गया और पाकिस्तान ने भी साथ दिया,तब जा के यह खेल हज्म हुआ और जनता को यह समझाया गया की यह एक आतंकी हमला ही था जिसका बदला भारत ने पाकिस्तान पर बम गिरा के ले लिया,पाकिस्तान डर से चुप हो गया ,पाकिस्तान अभी तक लाशें गिन रहा है, यह सब भारत के जनता के लिए एक उर्जा का काम कर रहा था.

एक पार्टी बोलती है चौकीदार चोर है तो दूसरी पार्टी के सब नेता और सहयोगी अपने नाम के आगे चौकिदार लगा लेते हैं,नाम के आगे चौकीदार लगाने से क्या कोई चौकीदार हो जाता है?क्या सच में यह लोग चौकीदार हैं?क्या वास्तविक रूप से भारत ही चौकीदार हुयी है?अगर चौकिदारी हुयी है तो नोट बंदी में इतने लोग कैसे मरे?नीरव मोदी और मालिया जैसे लोग कैसे भाग गए?पुलवामा हमला कैसे हुआ? जिस में एक साथ 50 सैनिक जवान कैसे शहीद हो गए? किस बुनियाद पर खुद को चौकीदार बताया जा रहा है?

बैंक तीन महीने के भीतर दो बार Annual maintenance charges के नाम पर Rs.147 और Rs.206.5 कैसे ले रही है?क्या यही चौकीदार हो रही है?यह सब चुनाव की तैयारी है और यह सब भारत की जनता को पूरा करना है कहीं जनता को जान दे कर और कभी माल दे कर.

Bharat me chunav se pahle kya kya hota hai
Bharat me Chunav se pahle
2014 का आम चुनाव ही था जब श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था की अगर 100 दिन में काला धन वापस नहीं आया तो मुझे फांसी पर लटला देना,काला धन वापस आएगा और भारत के हर ब्यक्ति के बैंक खाते में ऐसे ही मुफ्त में 15लख रूपया आ जायेगा,लेकिन अमित शाह ने इसे चुनावी जुमला बताया,अमित शाह ने साफ साफ अपने इंटरव्यू में बताया कि यह एक चुनावी जुमला था.

आप को याद दिला दूँ के श्री नरेन्द्र मोदी ने ही कहा था कि पाकिस्तान को उसी के भाषा में जवाब देना होगा,लेकिन चुनाव के बाद बिरयानी खाने और बिना किसी सुचना के भारत के प्रधानमंत्री को अचानक पाकिस्तान पहुंच जाना क्या यह उसी के भाषा में जवाब देना हुआ?अफगानिस्तान में भारत भारी निवेश किया यह सब क्या भारत को शोभा देता है?मोदी के कार्य काल में सब से ज्यादा सैनिक कश्मीर में मारे गए,भारत के भीतर भी हमेशा तनावपूर्ण माहौल बना रहा.

भारत में बेरोजगारी सर चढ़ कर बोल रही है, नोट बंदी की मार से भारत अभी तक नहीं उभर पाया है,जनता में त्राहि त्राहि लगी हुई है,किसान बेहाल है,मुझे एक बात समझ में नहीं आती की राजनीति में धर्म कहाँ से आ जाता है?भारत की जनता चुनाव के समय इतना धार्मिक कैसे हो जाते हैं?किस के कार्य काल में क्या हुआ इस बात पे ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है,कोई भी पार्टी अपने कार्य काल की उपलब्धि बताये,दूसरी पार्टी की कमी गिना देने से कोई पार्टी अच्छी नहीं हो सकती है,अपने अपने कार्य काल में किस ने क्या किया उस पर ध्यान देने की आवश्यकता है.

देश की हित में प्रश्न करने से कोई देशद्रोही हो जाता है तो भारत के हर एक नागरिक को देशदरोहि होना पड़ेगा,जात पात से ऊपर उठ के देश के बारे में सोचना होगा,तभी देश का विकास होगा,आप अपना कीमती वोट किसी को देने से पहले जरूर सोचें!

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